Sarson ka Saag in Hindi सर्दियों में बनने वाला परफेक्ट, गाढ़ा और घी-भरा देसी साग”

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सरसों का साग कैसे बनाते हैं (Sarson ka Saag in Hindi): सर्दियां आते ही घर के आँगन में सरसों का साग बनता था तो उसकी खुशबू पूरे घर में फैल जाती थी। कड़कती ठंड, धूप में बैठकर गरमा-गरम साग और साथ में ताज़ी रोटी… इस पल का अपना ही आनंद होता है।

आज मैं आपको Sarson ka Saag in Hindi बिल्कुल उसी तरह सिखा रही हूँ जैसे अपने किसी करीबी दोस्त को किचन में खड़े होकर हर स्टेप समझाता हूँ। यह रेसिपी किसी किताब या इंटरनेट वाली नहीं है, बल्कि रोजमर्रा की देसी रसोई का असली स्वाद है।

इसमें हर स्टेप आसान है, समय भी ज़्यादा नहीं लगता और इसका स्वाद ऐसा कि एक बार बना लिया तो सर्दियों की आपकी पसंदीदा डिश बन जाएगी।

Highlights – इस Sarson ka Saag की खासियतें

  • इसमें सरसों की असली खुशबू और देसी सादगी का पूरा स्वाद मिलेगा।

  • पकाने का तरीका सरल, बिना किसी जटिल मसालों के।

  • पूरे साग में मुलायमता और हल्की गाढ़ी बनावट।

  • पेट को गर्म रखने वाला, पौष्टिक और सर्दियों के लिए परफेक्ट।

  • बिल्कुल घरेलू अंदाज़ जैसा गांवों में बनता है।

⏱️समय और 🍽️ सर्विंग

  • तैयारी: 15 मिनट

  • पकाना: 35–40 मिनट

  • कुल समय: लगभग 1 घंटा

  • सर्विंग: 4 लोगों के लिए

🥬 आवश्यक सामग्री (Sarson ka saag ingredients)

मुख्य सामग्री
  • सरसों के पत्ते – 500 ग्राम

  • पालक के पत्ते – 200 ग्राम

  • बथुआ – 100 ग्राम

  • हरी मिर्च – 2 बारीक कटी

  • अदरक – 1 बड़ा टुकड़ा कद्दूकस किया हुआ

  • लहसुन – 6–7 कली (कुचली हुई)

  • मक्का का आटा – 2 चम्मच

  • नमक – स्वाद अनुसार

  • देशी घी – 3–4 चम्मच

  • पानी – जरूरत के अनुसार

तड़के की सामग्री
  • देसी घी – 2 चम्मच

  • जीरा – 1 छोटी चम्मच

  • लाल मिर्च – 1 छोटी चम्मच

  • हींग – 1 चुटकी

(नोट: बथुआ वैकल्पिक है, न मिले तो छोड़ सकते हैं।)

🥘 सरसों का साग कैसे बनाते हैं Sarson ka Saag in Hindi

1. पत्तों को साफ और धोना

सरसों, पालक और बथुआ तीनों को अच्छी तरह साफ कर लें। पत्तों में कभी-कभी मिट्टी रहती है, इसलिए 2–3 बार पानी बदलकर धो लें। जब मैं यह स्टेप करता हूँ, तो मन में हमेशा सर्दियों का वह देसी माहौल ताज़ा हो जाता है।

2. पत्तों को काटकर उबालने की तैयारी

सारे पत्तों को मोटा-मोटा काट लें। बहुत बारीक काटने की जरूरत नहीं। कड़ाही में थोड़ा पानी डालें, नमक मिलाएँ और पत्तों को पकने दें। धीमी आँच पर पकाने से स्वाद और ज्यादा अच्छा आता है।

3. कितनी सीटी? – प्रेशर कुकर में पकाना

अगर आप कुकर का उपयोग कर रहे हैं तो 3 सीटी काफी होती हैं। पत्ते अच्छे से गल जाते हैं और साग मुलायम बनता है। (सवाल का उत्तर भी यहाँ स्वाभाविक तरीके से शामिल है।)

4. पत्तों को ठंडा करके मिक्स करना

जब पत्ते पक जाएँ, उन्हें थोड़ा ठंडा होने दें। फिर किसी मथनी या मिक्सर में हल्का-सा पीस लें। ध्यान रहे, पेस्ट जैसा न करें हल्की दरदरी बनावट ही असली स्वाद देती है। मैं हमेशा थोड़ा दरदरा रखता हूँ ताकि खाते समय देसी स्वाद महसूस हो।

5. मक्का का आटा मिलाना

हल्का-सा पानी डालकर 2 चम्मच मक्का का आटा मिलाएँ। इससे साग गाढ़ा भी होता है और स्वाद में भी देसीपन आता है।

6. धीमी आँच पर साग को पकाना

अब कड़ाही में साग डालकर धीमी आँच पर 15–20 मिनट पकाएँ। बीच-बीच में चलाते रहें ताकि साग नीचे से न लगे। धीमी आँच का यह समय ही Sarson ka Saag in Hindi का सबसे स्वादिष्ट हिस्सा बनाता है।

7. तड़का तैयार करना

एक छोटी कड़ाही में घी गरम करें। जीरा, हींग, लाल मिर्च और लहसुन डालें। जब खुशबू आने लगे, तो यह तड़का साग पर डाल दें। पूरे घर में जो सुगंध फैलेगी, वह आपको सर्दियों का पूरा एहसास करा देगी।

8. आख़िरी पकाव

तड़का डालने के बाद साग को 5 मिनट और पकाएँ। इससे मसाले अच्छे से घुल जाते हैं और स्वाद संतुलित हो जाता है।

🍽️ Serving Suggestion (परोसने का तरीका)

  • गरम-गरम साग को देसी घी की बूंदों के साथ परोसें।

  • साथ में मक्के की ताज़ी रोटी सबसे बेहतरीन लगती है।

  • ऊपर से एक छोटा-सा गुड़ का टुकड़ा हो तो स्वाद चार गुना बढ़ जाता है।

  • चाहें तो साथ में सरसों का अचार भी रख सकते हैं।

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💚 फायदे (sarson ka saag benefits)

  • यह शरीर को गर्म रखता है, खासकर सर्दियों में।

  • खून बढ़ाने में मददगार होता है।

  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

  • फाइबर ज़्यादा होने से पेट साफ रखता है।

  • हड्डियों और आंखों के लिए लाभदायक।

📝 टिप्स और सुझाव (Tips & Suggestions)

  • साग हमेशा धीमी आँच पर पकाएँ—यही इसका असली स्वाद बनाता है।

  • तड़के में घी कम न करें; घी ही स्वाद को जीवंत बनाता है।

  • पत्ते ज्यादा बारीक न पीसें, हल्की दरदरी बनावट ही असली देसी स्वाद देती है।

  • अगर साग बहुत गाढ़ा लगे तो थोड़ा गर्म पानी मिलाएँ।

  • बथुआ न मिलाना चाहें तो सिर्फ सरसों और पालक में भी बढ़िया साग बनता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Sarson ka Saag in Hindi सिर्फ एक रेसिपी नहीं बल्कि सर्दियों की खुशबू, देहाती स्वाद और घर की गर्माहट का पूरा अनुभव है। इस साग में मेहनत कम है, लेकिन इसका स्वाद दिल जीत लेता है। एक बार इसे मेरे तरीके से बना कर देखें यकीन मानिए, परिवार वाले तारीफ करते नहीं थकेंगे। सर्दियों में यह डिश जरूर बनाएं और अपनी रसोई में देसी स्वाद का आनंद लें।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. सरसों का साग क्या है?

सरसों के पत्तों, पालक और बथुए को मिलाकर बनाया गया देसी पकवान जिसे सर्दियों में सबसे ज़्यादा खाया जाता है।

2. सरसों का साग बनाने के लिए कितनी सीटी आनी चाहिए?

प्रेशर कुकर में 3 सीटी काफी होती हैं।

3. सरसों का साग किसे नहीं खाना चाहिए?

जिन्हें पेट से जुड़ी गंभीर समस्या या बहुत अधिक गैस बनती हो, वे कम मात्रा में खाएँ।

4. सरसों का साग गर्म होता है या ठंडा?

यह शरीर को गर्म रखता है। इसलिए सर्दियों में सबसे अच्छा माना जाता है।

5. साग कब नहीं खाना चाहिए?

गर्मी के मौसम में अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए।

6. रात में साग क्यों नहीं खाना चाहिए?

रात को यह थोड़ा भारी लग सकता है, इसलिए दिन में खाना ज्यादा अच्छा माना जाता है।

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